मैं बूढ़ी हो चुकी हूँ। मैंने तो आज तक कभी ऐसा नहीं माना। पर आज मुझे इस बात को सोचना पड़ा। मैं बूढ़ी हो चुकी हूँ। मैंने तो आज तक कभी ऐसा नहीं माना। पर आज मुझे इस बात को सोच...
आईने में अपना बहका काजल ठीक करने के बहाने घूम जाती है आईने में अपना बहका काजल ठीक करने के बहाने घूम जाती है
सोचता रहा कि उम्र के इस दौर में उसे इस मौसम में ऐसा काम करने की क्या जरूरत थी। क्या उसका कोई अपना न... सोचता रहा कि उम्र के इस दौर में उसे इस मौसम में ऐसा काम करने की क्या जरूरत थी। ...
"उसे क्या करना था ? आज देख लो बहू जुड़वाँ बच्चों को जनने यहाँ आई है ।" "उसे क्या करना था ? आज देख लो बहू जुड़वाँ बच्चों को जनने यहाँ आई है ।"
स्नेह का स्पर्श उसे अभी भी हौसला दे रहा था की हाँ, उसके आधे अंग में अभी भी जान बाक़ी है। स्नेह का स्पर्श उसे अभी भी हौसला दे रहा था की हाँ, उसके आधे अंग में अभी भी जान ब...
बड़े इत्मीनान से फिर वह अपने सामने के बीयर बार का दरवाजा खोल, अंदर प्रवेश कर गई। बड़े इत्मीनान से फिर वह अपने सामने के बीयर बार का दरवाजा खोल, अंदर प्रवेश कर गई।